शहर में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में महिलाओं का धरना गुरुवार को 11वें दिन भी जारी रहा। महिलाओं ने धरनास्थल से जाट बाजार तक रैली निकालकर काले गुब्बारे आसमान में छोड़े और नारेबाजी की। इस रैली में सैंकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष मौजूद रहे। जाट बाजार के पास मैदान में यह विरोध प्रदर्शन करीब 10 दिन पहले शुरू हुआ था। इसमें सोमवार को आलिमा शगुफ्ता, अंजुम जाटू, शबनम जमींदार, शाहीन जाटू, वीणा पारीक, आशा माथुर ने आंदोलन की जिम्मेदारी संभाली।
इस दौरान डीएसपी अधिकार दल के शिवभगवान सारड़ीवाल, धोद के पूर्व प्रधान उस्मान खां, राजेश जोया राष्ट्रीय अध्यक्ष संयुक्त अम्बेडकर वादी मोर्चा, वार्ड नम्बर 58 के पार्षद मनीष जोया, जिला मेघवाल परिषद, सीताराम दानोदिया जिलाध्यक्ष खादी बोर्ड प्रकोष्ठ कांग्रेस, भरत सिंह आदि मौजूद रहे। बच्चियों, महिलाओं व पुरुषों ने देशभक्ति गीत गाये। अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के संयोजक रामरतन बगड़िया ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पारित यह कानून यदि लागू हुआ तो समाज अमीर-गरीब और हिन्दू-मुस्लिम में बंट जाएगा।
मध निषेध मोर्चा के मामराज चौधरी ने एकजुट हाेकर कानून का विरोध जताने का आह्वन किया। प्रवक्ता एडवोकेट जी एम मुग़ल ने बताया धरना स्थल पर नवलगढ़ से फ़ारूक़ बडगुजर, बृजसुंदर जांगिड़ अध्यक्ष जनवादी लेखक संघ, सरला दानोदिया पार्षद, जाफ़र खान लाडनू ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन शाहीन जाटू और फरहा दीबा ने किया।