गोलूवाला कस्बे के सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बुधवार देर शाम निरीक्षण करने पहुंची पीलीबंगा उपखंड अधिकारी प्रियंका तलाणिया की सीएचसी प्रभारी डॉ. नरेंद्र बिश्नोई के साथ कुर्सी पर बैठने को लेकर लंबी बहस हो गई। मामला पांच मिनट तक गहमा-गहमी से भरा रहा। एसडीएम ने डॉ. नरेंद्र बिश्नोई को कुर्सी छोड़ने के लिए भी कहा लेकिन डॉक्टर ने दूसरी कुर्सी की तरफ इशारा करते हुए वहां बैठने के लिए कहा लेकिन उपखंड अधिकारी ने कहा की आपको एक अधिकारी की रेस्पेक्ट करने का शिष्टाचार नहीं है।
एसडीएम ने यहां तक कहा कि या तो आपको समझ नहीं है या फिर आप सर्विस में नए आए हो। बाद में यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। डॉक्टर एवं उपखंड अधिकारी के बीच के गहमागहमी का वीडियो भास्कर के हाथ आया है। इसमें यह सारा वाकया कैद है। उधर, एसडीएम पीलीबंगा ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा यह रूटीन के निरीक्षण था कोई और बात नहीं है। कुर्सी वाली घटना नहीं होना कहा है लेकिन डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। उधर, इस दौरान पीलीबंगा तहसीलदार गोलूवाला थाना प्रभारी भी उपखंड अधिकारी के साथ थे। एसडीएम निरीक्षण करने के लिए शाम पौने पांच बजे पहुंची थी। इस गहमागहमी के बाद उन्हें दूसरे ऑफिस में बैठाकर निरीक्षण करवाया गया।
डॉक्टर ने कहा उन्होंने मेरी कुर्सी पर बैठने की बात कही, दुर्व्यवहार की श्रेणी में आता
डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि देर शाम एसडीएम सीएचसी पर पहुंची थी। मैंने खड़ा होकर उन्हें बैठने के लिए कहा लेकिन उन्होंने मेरी कुर्सी पर बैठने की बात कही। मैंने कहा कि मैं यहां मरीज देख रहा हूं। आप सामने वाली कुर्सी पर बैठ जाइए लेकिन उन्होंने दुर्व्यवहार करते हुए मुझे कहा कि आपका दिमाग सेट नहीं है, जो एक दुर्व्यवहार की श्रेणी में आता है।
एसडीएम ने कुर्सी वाली बात से किया इंकार
एसडीएम पीलीबंगा प्रियंका तलाणिया से जब भास्कर ने बात की तो उनका कहना था कि यह रिपोर्ट बाद में तैयार की जाएगी। ये रूटीन का चेकअप है। कुर्सी वाली घटना कुछ नहीं है।
एसडीएम का रवैया गैर जिम्मेदाराना, माफी नहीं मांगी तो करेंगे आंदोलन: आईएमए
इस पूरे मामले में आईएमए अध्यक्ष डॉ. निशांत बत्तरा का कहना है कि वीडियो देखकर यही लग रहा है कि प्रशासनिक अधिकारी का रवैया गैर जिम्मेदाराना है। सीएचसी प्रभारी डॉक्टर ने जब एसडीएम को सामने वाली सीट ऑफर कर दी तो जबरन एक प्रभारी अधिकारी पर दबाव बनाना कतई शोभा नहीं देता। आईएमए इसकी निंदा करता है। 24 घंटे में अगर प्रशासनिक अधिकारी ने माफी नहीं मांगी तो आईएमए इसके खिलाफ प्रदेश स्तर पर मुहिम चलाएगा।
कलेक्टर बोले: यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं
कलेक्टर जाकिर हुसैन का कहना है कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है और न ही एसडीएम ने कोई रिपोर्ट की है। अगर ऐसा कोई मामला है तो रिपोर्ट आने पर देख लेंगे।
वीडियो के कुछ अंश...
सीएचसी प्रभारी: मैं चला जाऊं यहां से। पेशेंट नहीं देखूं, निकल जाऊं बाहर
एसडीएम: आपको हमने निकलने के लिए कहा-
सीएचसी प्रभारी: (इशारा करते हुए) आप दूसरी कुर्सी पर बैठ जाएं
एसडीएम: आपको तमीज ही नहीं है बात करने की?
सीएचसी प्रभारी: बिल्कुल तमीज है।
एसडीएम: बिल्कुल नहीं है। जब मैं खड़ी हूं तो आप बैठे क्यों हो? आप खड़े हो जाओ।
सीएचसी प्रभारी: अगर आप ये कर रहे हो कि खड़ा हो जाऊं तो मैं चला जाऊंगा यहां से
एसडीएम: आप सर्विस में या तो नए आए हो, या समझते नहीं
सीएचसी प्रभारी: मैंने आपको बैठने के लिए कहा है ना
एसडीएम: (इंग्लिश में) आपने मेरा ऑर्डर नहीं माना, मैं यहां आ गई हूं वही ऑर्डर होता है।
सीएचसी प्रभारी: मुझे निकाल दीजिए।
एसडीएम: आपको समझ नहीं आती। मैं कौनसा पेशेंट देखने से रोक रही हूं।